3 पाकिस्तानी आतंकी बिहार में पकड़े गए | नेपाल रूट से भारत में प्रवेश ISI, @bsebcenter.com
3 पाकिस्तानी आतंकी बिहार में पकड़े गए
हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है, जब बिहार में तीन पाकिस्तानी नागरिकों के घुसपैठ का मामला सामने आया। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार ये सभी पाक प्रशिक्षित आतंकी हैं, जिन्हें आईएसआई ने खास रणनीति के तहत नेपाल के रास्ते भारत में भेजा था। यह खुलासा न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माना जा रहा है।
पटना सिविल कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी
29 अगस्त 2025 को एक ईमेल के माध्यम से यह धमकी मिली कि सिविल कोर्ट परिसर में चार RDX आईईडी बम लगाए गए हैं। धमकी देने वाले ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का ज़िक्र भी किया। साथ ही उसमें बिहार के तमिलनाडु में काम कर रहे मजदूरों को लेकर भी टिप्पणी थी।
धमकी मिलते ही कोर्ट परिसर खाली करवा दिया गया। चार घंटे तक वहां बम निरोधक टीम, डॉग स्क्वाड तथा अन्य सुरक्षा बलों द्वारा सघन तलाशी ली गई, लेकिन कोई विस्फोटक नहीं मिला।हॉक साबित हुआ।
एंट्टी-टेरर टीम, साइबर सेल और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) धमकी भेजने वाले का IP पता ट्रेस कर रही हैं
यह घटना उसी समय हुई जब बिहार पुलिस को सूचना मिली थी कि तीन पाकिस्तानी संदिग्ध जैश-ए-मोहम्मद आतंकी नेपाल के रास्ते बिहार में घुसे हैं। उनके नाम और फोटो जारी कर दिए गए थे और ₹50,000 का इनाम भी रखा गया। लेकिन बाद में पुलिस ने साफ़ कहा कि बिहार में उनका प्रवेश नहीं हुआ।
साइबर क्राइम और आतंक फंडिंग का पर्दाफाश
इसी बीच, पूर्वी चंपारण में पुलिस की एक बड़ी कार्रवाई में लगभग ₹100 करोड़ मूल्य की संपत्ति, विदेशी करेंसी, रोलेक्स घड़ियां और अन्य कीमती सामान बरामद हुए। यह आतंकवादी फंडिंग से जुड़े एक बड़े नेटवर्क को उजागर करता है।
नेपाल का इस्तेमाल घुसपैठ का रास्ता
इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लंबे समय से नेपाल की खुली सीमा का इस्तेमाल भारत में घुसपैठ के लिए करती रही है। चूँकि भारत-नेपाल सीमा खुली और बेहद आसान है, यहाँ वीज़ा या अन्य पाबंदियाँ सख्त नहीं हैं। इसी ढील का फायदा उठाकर पाकिस्तानी आतंकी अक्सर टूरिस्ट वीज़ा पर नेपाल पहुँचते हैं और फिर वहां से बिहार या उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों के रास्ते भारत में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं।
बिहार में क्यों पहुंचाए गए आतंकी?
बिहार की भौगोलिक स्थिति और नेपाल से लगी खुली सीमा आतंकी संगठनों के लिए लंबे समय से आसान निशाना रही है। माना जाता है कि आईएसआई लगातार इस क्षेत्र में अपना नेटवर्क मजबूत करने की कोशिश कर रही है, ताकि संवेदनशील इलाकों में नापाक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि संदिग्धों का मकसद केवल जासूसी करना ही नहीं, बल्कि भविष्य में बड़े हमलों की साजिश रचना भी हो सकता था।
इंटेलिजेंस की बड़ी सफलता
भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों ने समय रहते इस खतरे का खुलासा कर दिया। जांच में पाया गया है कि आईएसआई नेपाल में अपने नेटवर्क के जरिए आतंकियों को फर्जी पहचान पत्र उपलब्ध कराती है, जिससे वे आसानी से पर्यटक बनकर नेपाल आ सकें। वहां से उन्हें स्थानीय एजेंट भारत की सीमा पार कराने का काम करते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता
इस पूरे खुलासे के बाद बिहार और नेपाल सीमा पर चौकसी को और बढ़ा दिया गया है। एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल), बीएसएफ और स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खासतौर से रक्सौल, जोगबनी और अन्य प्रमुख सीमा चौकियों पर सघन चेकिंग शुरू कर दी गई है।
राजनीति और जनमानस में हलचल
यह मामला सामने आने के बाद बिहार की राजनीति में भी हलचल मच गई है। विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है कि आखिर सीमा सुरक्षा और इंटेलिजेंस तंत्र के बावजूद पाकिस्तानी आतंकी इतनी आसानी से बिहार तक कैसे पहुँच गए। वहीं, आम लोगों में भी यह खबर सुनकर चिंता का माहौल है, खासकर उन जिलों में जो नेपाल सीमा से सटे हैं।
भारत के लिए बड़ा सबक
यह मामला भारत के लिए एक बड़ा सबक है कि आतंकवादियों की नापाक नजरें सिर्फ कश्मीर या महानगरों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि छोटे राज्यों और सीमाई इलाकों को भी वे अपने निशाने पर रख रहे हैं। इसलिए जरूरत है कि भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी निगरानी, आधुनिक तकनीक और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मजबूत किया जाए।
निष्कर्ष
पाक प्रशिक्षित आतंकियों का बिहार में प्रवेश करना इस बात का सबूत है कि आईएसआई लगातार भारत के खिलाफ साजिश रच रही है। नेपाल को टूरिस्ट वीज़ा का रास्ता बनाना उसकी चालाकी का हिस्सा है। लेकिन भारतीय एजेंसियों की सतर्कता ने एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। अब जरूरी है कि आम नागरिक भी सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को दें, ताकि देश की एकता और अखंडता पर कोई खतरा न मंडरा सके।